
मुम्किन नहीं हमें आप को भुलाना
ना मुम्किन ही तो है हमे आप के बिन जीना
आप इसे प्यार सम्झे या पागल पन
हम तोह कहेंगे यह है अपना पन
इज़हार करती हूँ कि आप हि मेरे सब है
इकरार करेंगे या नहीं जाने सिर्फ वोह रब है
विनती करती हूँ कि सदा आप हमारे साथ दो
वरना शायद यहीं हमरे ज़िन्दगी का आक्री रात हो
ना मुम्किन ही तो है हमे आप के बिन जीना
आप इसे प्यार सम्झे या पागल पन
हम तोह कहेंगे यह है अपना पन
इज़हार करती हूँ कि आप हि मेरे सब है
इकरार करेंगे या नहीं जाने सिर्फ वोह रब है
विनती करती हूँ कि सदा आप हमारे साथ दो
वरना शायद यहीं हमरे ज़िन्दगी का आक्री रात हो