
जब से सनम… तुम को मिले
तब से सनम… दिल मेरा ना रहा
तेरे ही याद… हर पल मुझे
बेचेन सि करके वोह… कहाँ चला
खोना जाए… यह दिल मेरा
लौटाभि दो… ओ मेहरबान
साथ तेरे हम… जब ना रहें
तब मालूं हुआ… कि हम आपसे… प्यार में है
क्यूँ इतने दिन… हम को कभी
यह एहसास… कभी ना हुआ
अब कैसे में… तुम से कहूँ
कि में अब तुम्हें… प्यार करता हूँ… ओ सनम
क्या यह तुम्हें… मालूं ना था
कि में तुम से…प्यार करता हूँ
आज हम दोनों के…आखरी रात है
अब तो कहो… कि तुम भी हमें.. प्यार करते हो