वो महफिल...महफिल ना रही
जब तुम्हारे मौजूदगी वहाँ नहीं रहा
वो शाम... शाम ना रही
जब साथ तुम्हारा ना रहा
वो रात... रात ना रही
जब ख्वाब तुम्हारा ना रहा
वो ख्वाब... ख्वाब ना रही
जिस में तुम्हारी याद ना रहा
वो प्यार... प्यार ना रही
जिस में नाम तुम्हारा ना रहा
वो कहानी अधूरी रही
जब इस दास्तान हमारा ना रहा ...
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