दिल दिल सा ना रहा
जब साथ तुम्हारा ना रहा…
होश मेरा ना रहा
जब मेरा काबू खुदपर ना रहा…
क्या जादूसी छा गयी हो
मेरे दिल में आकर बस चुकी हो…
तुम्हारा मुस्कुराना
हाय... यह जानलेवा…
तुम्हारे एक झलक से
अपने सारे घम बुलादिया…
तुम्हारे रेश्मी बदन ने
मुझे पागल सी बनादिया…
तुम्हारे नशीली आँखो ने
मेरे चेन चुरालिया है…
तुम्हारे तढपती हुई होंटों ने
सोये हुए अर्मानों को जगा दिया है…
आज दिल में लगी है आग मिलन की
भुजेगी नहीं तुम्हारे बिना…
अब हो जाओ मेहर्बान हम पर
करो इकरार... यह गुज़ारिश है आपसे…
जब साथ तुम्हारा ना रहा…
होश मेरा ना रहा
जब मेरा काबू खुदपर ना रहा…
क्या जादूसी छा गयी हो
मेरे दिल में आकर बस चुकी हो…
तुम्हारा मुस्कुराना
हाय... यह जानलेवा…
तुम्हारे एक झलक से
अपने सारे घम बुलादिया…
तुम्हारे रेश्मी बदन ने
मुझे पागल सी बनादिया…
तुम्हारे नशीली आँखो ने
मेरे चेन चुरालिया है…
तुम्हारे तढपती हुई होंटों ने
सोये हुए अर्मानों को जगा दिया है…
आज दिल में लगी है आग मिलन की
भुजेगी नहीं तुम्हारे बिना…
अब हो जाओ मेहर्बान हम पर
करो इकरार... यह गुज़ारिश है आपसे…
3 comments:
बेहतरीन । आभार ।
Hemanth ji,
Shukriya...
Best Regards,
Pravallika
बेहतरीन
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