
प्यार से जुढ़े इस बंधन को
बेवफा से तुम ने थोड दिया
तुम किसी और कि बाँहों में रहकर
हमारे प्यार को टुकरा दिया
आज भरी महफिल में हमें अनजान कह कर
तुम ने हमें ज़हर का जाम पिला दिया
खुदा से भी बढकर हमने तुमको माना
लेकिन इस दिल को तुम ने कभी न जाना
तुम ने अपने बेवफाई का सबूत हरपल दिए
और हमें अपनी जुदाई का घम में दिन रात डुबो दिए
तुम ने इस दिल को जलाकर ज़िंदा हमें दफना दिया
और हमें बेघर करके अपने दामन में आँसुओं को छोड़ दिया
काश इन आँसुओं के साथ तुम्हारे यादें बह जाती
और काश ये ख़ामोशी ने आज सब कुछ कह जाती
दिल को क्या हम अपने जान भी उन्हें देते
वोह एक बार अपने प्यार का इज़हार हमसे करते
0 comments:
Post a Comment