
ये रिश्ते भी अजीब सी होती है
अपने पास होकर भी बहुत दूर होते है
हमें अपना बनाकर भी टुकराते है
क्यूँ हरपल हमें दुःख दे जाते है
जिस पर हम मर मिटते है
वहीँ हमें रुलाके हस्ते है
चाहते थे उन्हें हम चाहत से बढकर
पर चोड़ दिया उन्होंने हमें बेवफा समज कर
रातों हम उठके रोते रहते है
जब आप हमारे साथ ना होते है
दिन रात तुम्हारा ही याद आती है
पलकों पर नींद तक ना आती है
आँखों से बूँदों कि नदिया बहती है
पल भर में लगता है सब ख़त्म हुयी है
प्यार से हमें एक बार आप अपने बाँहों में लिए होते
काश आप इस दिल कि धडकनों को सुन भी पाते
दिल के अरमानों को दफना दिया है हमने
इस के वजा कभी जाना नहीं है तुमने
दर्द मेरे दिल का कभी किसीने ना जाना
अब आस नहीं है फिर से उन्हें पाना
ये दूरियाँ अब कटती नहीं
ये फासले अब मिटती नहीं ...
3 comments:
bahut khoob kaha:)
Prerana ji,
Bahut shukriya...
Thanks for visiting the blog and pls stay tuned..
Best Regards,
Pravallika
Hi Sanjayji,
Am glad having such a lovely comment from you. Thank you soo much.
Pls stay tuned...
Best Regards,
Pravallika
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