A Journey of Life...
Valentine
Thursday, February 4, 2010
सनम बेवफा...
प्यार से आकर तुमसे टकराए
और तुमने हमें दिलसे टुकराए
जिन बाँहोंने कभी हमें संभाला था
आज नजाने क्यों हमसे खफा है
किसी और के बाँहों में रहकर
छोड़ दिया हमें एक गैर समझ कर
साथ जीने मरने का वादा
किया था वोह कभी हमसे
पर आज भुलादिया है वोह
प्यार से भरा हर लम्हे
जिसके नाम कभी हम
जुढे थे अपने नाम से
उसीने आज मिटादिया
हमारे नाम अपने दिल से
काश उनके दिल में
कुछ तो वफ़ा बचती
शायद आज वोह हमसे
बेवफा कभी ना करते ...
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