Valentine

Tuesday, September 30, 2008

पिया



मेरे दिल मेरे मन पिया बिन तरसे

सुनरे ओ सखि मेरे जिया जल्ता है मोरे

अखियाँतो देख रहीं है राह आने की उन्के

क्या कहूँ में क्या नहीं इंतज़ार में उन्के

मेरे दिल मेरे मन पिया बिन तरसे हाँ तरसे

4 comments:

makrand said...

क्या कहूँ में क्या नहीं इंतज़ार में उन्के

मेरे दिल मेरे मन पिया बिन तरसे हाँ तरसे
bahut sunder
likhatey rahiye
regards

Pravallika said...

Makrand ji,

Thank you so much for your compliments....

Anonymous said...

पिया के लिए तड़पन, बेहतरीन है
बधाई

Unknown said...

wonderful.. keep writing more

Lamhe

Valentine

Sun Zara - The Woman In My Life!