मेरे दिल मेरे मन पिया बिन तरसे
सुनरे ओ सखि मेरे जिया जल्ता है मोरे
अखियाँतो देख रहीं है राह आने की उन्के
क्या कहूँ में क्या नहीं इंतज़ार में उन्के
मेरे दिल मेरे मन पिया बिन तरसे हाँ तरसे
सुनरे ओ सखि मेरे जिया जल्ता है मोरे
अखियाँतो देख रहीं है राह आने की उन्के
क्या कहूँ में क्या नहीं इंतज़ार में उन्के
मेरे दिल मेरे मन पिया बिन तरसे हाँ तरसे
4 comments:
क्या कहूँ में क्या नहीं इंतज़ार में उन्के
मेरे दिल मेरे मन पिया बिन तरसे हाँ तरसे
bahut sunder
likhatey rahiye
regards
Makrand ji,
Thank you so much for your compliments....
पिया के लिए तड़पन, बेहतरीन है
बधाई
wonderful.. keep writing more
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